Sunday, December 11, 2011

'Shri Radhe Maa ji' ki leelaye - P.L. Kohli



जय माता दी,
                  सर्वप्रथम करुणामयी श्री राधे माँ जी के पावन चरणों में मेरा और मेरे समस्त परिवार का कोटि कोटि नमन, परमुप्कारी सतसंगत जी अपनी ज़िन्दगी के सबसे महत्वपूर्ण चमत्कारों में से एक अनुभव जो मैं आपके समक्ष रखने वाला हूँ उससे पहले श्रीमद भगवत गीता जी के सार में से आखरी दो सार आपके ध्यान में लाना चाहूँगा जो कि इस प्रकार हैं :

  • तुम अपने आपको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।


  • जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का आनंद अनुभव करेगा।

मेरा नाम पुरषोत्तम कोहली है और मैं मुंबई का निवासी हूँ ,मेरी उम्र ७० साल है,आर्य समाजी संस्कारों और वातावरण में परवरिश के कारण भक्ति कि ओर  झुकाव बचपन से ही रहा है  और प्रभु कृपा इतनी हुई कि मुझे धर्मपत्नी भी भक्ति में रुचि रखने वाली ही मिली,इस भक्तिपूर्ण वातावरण और श्रद्धा भक्ति का परिणाम भी ये हुआ के हमारे बच्चों में भी भक्ति का रुझान बचपन से ही है ,कुछ ग्यारह साल पहले कि घटना है  हमारे परिवार के बहुत ही करीबी मित्र जो कि ठीक हमारे सामने वाले फ्लैट में रहते थे ,उन्होंने किसी बैंक से एक भारी रकम का क़र्ज़ लेने कि सोची और गेरेंटर के तौर पर मेरे बेटे को रखने कि बात कि ,क्यूंकि हमारे उनसे इतने घनिष्ठ सम्बन्ध थे मैंने अपने बेटे को स्वीकृति दे दी, कुछ दिन बाद वो मित्र अपने गाँव चला गया और काफी दिन तक नहीं लौटा ,करीब दो या तीन महीने बीते तो बैंक वालों ने परेशान हो कर मेरे बेटे को बैंक बुलाकर कहा कि आपके मित्र का कुछ पता नहीं है तो अब ये सारी किश्ते और बैंक का क़र्ज़ आपको ही चुकाना पड़ेगा,हमने ये प्रस्ताव रखा कि उसका जो फ्लैट है ,बैंक उस फ्लैट को बेच कर अपना पैसा वसूल ले, पर होनी कि करनी देखिये कि जिस फ्लैट कि कीमत उदाहरण के लिए एक रुपये आंकी गयी हो उस फ्लैट के लिए २० पैसे कि  कोटेशन आ रही थी |

साथियों उस मित्र के इंतज़ार और बैंक कि इस कर्र्य्वाही में करीब ६ साल बीत गए और आखिरकार बैंक ने हमारे फ्लैट को जपत करने का नोटिस भेज दिया ,तब तक हम ममतामयी श्री राधे माँ जी कि शरण में आ चुके थे ,बरहाल इस केस कि सुनवाई के लिए इस उम्र में करीब ४० किलोमीटर का सफ़र तये करके कोर्ट जाना पड़ता था, काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिससे हमारे परिवार में बहुत हद तक अस्थिरता सी आ गयी थी क्यूंकि बैंक इतने सालो का ब्याज जो कि कई लाखों में जाता था,उसका ज़िम्मेदार हमे बना रहा था ,कहते है न गरीबी में आटा गीला,ठीक वैसा हाल हो गया था,मैं रिटाएर हो चूका था,मेरी पत्नी स्कूल में टीचर और मेरे बच्चों का भी काम काज इतना ज़ोरों में नहीं था कि हम इस भुगतान का बोझ उठा पाते,मुझे याद है कि कृपालु श्री राधे माँ जी कि शरण में आये हुए थोडा ही वक़्त गुज़रा था और उस दिन २२ नवम्बर कि रात थी जब माँ कि चोकी हो रही थी और तत्पश्चात देवी माँ जी के दर्शन होने थे, वहीँ बीच चोकी में पता नहीं मेरे मन के भाव रुके नहीं और मेरी आँखों से मानो एक सैलाब सा बह उट्ठा और मैं बच्चों कि तरह फूट फूट कर रोने लगा और मन से सिर्फ यही अरदास निकली के हे ममतामयी श्री राधे माँ जी अपने इस बच्चे का कल्याण करो,इस गहरी विपदा से मुझे और मेरे परिवार को बाहर निकालो , साथियों ये सत्य है कि मेरी देवी माँ जी अपने भक्तों कि अंतर्मन द्वारा हुई करुण पुकार अवश्य सुनतीं हैं,जैसे ही दर्शन खुले और मैंने दर्शन किये तो मुझे देवी माँ जी ने अपने पास बुलाकर अपनी ममतामयी नज़रों से निहारा,आशीर्वाद दिया और जाने का इशारा भी किया, मुझे यकीन तो था ही कि करुणामयी श्री राधे माँ जी ही मुझे इस कष्ट से निकालेंगी जो कि अब और द्रिड हो गया , इसके तीन दिन बाद २५ नवम्बर को कुछ ऐसा हुआ जो कि शायद मेरे और मेरे परिवार के लिए नामुमकिन ही था, दोपहर को बैंक से एक व्यक्ति हाथ में कुछ पपेर्स का डोकेट लिए हमारे घर आकर बोला कि कोहली साब ये आपके जपत किये हुए पेपर हैं और आप इस केस से बाहर हो गए हैं क्यूंकि आपके मित्र के घर कि कीमत जो कि अब तक एकदम कम आ रही थी अब उसके मूल्य से ऊपर का दाम बैंक को मिलने के कारण आप इस केस से बरही हो गए हैं!  नम्म , स्तब्ध और भीगे हुई आँखों से हम माँ के स्वरुप को देख कर लाख लाख धन्यवाद करने लगे तथा अपने चरणों में यूँ लगाए रखने की बिनती करते रहे!  राधे देवी माँ जी का मैं किन शब्दों में धन्यवाद करूँ मुझे सूझता नहीं !इस प्रेम,कृपा और परम आशीर्वाद के लिए मेरा समस्त परिवार करुणामयी श्री राधे माँ जी का सदा सदा के लिए कृतग्य रहेगा !

मैं आपसब से ये निवेदन करना चाहता हूँ कि सच्ची भक्ति,लगन और विश्वास से ही मेरी कृपालु श्री राधे माँ जी कि शरण में आइये, यकीनन आपका भी उद्धार और कल्याण होगा जैसे हमारे परिवार का हुआ है ,विदा लेने से पहले मैं आप सब को एक बार फिर श्रीमद भगवत गीता जी के सारों में से मुख्य अंतिम दो सार का स्मरण करा दूं, जो कि कुछ इस प्रकार हैं  :




  • तुम अपने आपको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।






  • जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का आनंद अनुभव करेगा।






  • यदि आप भी अपने साथ हुए चमत्कार दुसरे भक्तों को बताने के इच्छुक हों तो कृपया अपनी कथाएं या उनका वर्णन  sanjeev@globaladvertisers.in पर भेज दीजिये हम पूर्ण प्रयत्न करेंगे की जल्द से जल्द आपके अनुभव प्रकाशित हों ,और अगर आप करुणामयी श्री राधे माँ जी के बारे में और कुछ जानकारी या ज्ञान लेना चाहें तो आप टल्ली बाबा जी से +919820969020 पर संपर्क कर सकते हैं |     

    जय माता दी|

    Sunday, November 6, 2011

    'Shri Radhe Maa ji' Naina Devi Yatra - Shobha Yatra details


                                     
    Shri Radhe Maa
     
    नानक नाम चढ़दी कला, तेरे बहाने सर्ब्हत दा भला 

    बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) की महारानी चंपा द्वारा सिक्खों के नवम गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी को यह भूमि खंड उपहार स्वरुप मिला और इस सुन्दर मनमोहक,दिव्य और अरदासपूरक तीर्थ स्थल का निर्माण हुआ  सिक्ख धर्म के पावन स्थल श्री आनंदपुर साहेब जी की स्थापना सन १६६५ में सच्चे बादशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा प्राचीन मखोवाल महल के समीप की गयी थी ,इस पवित्र तीर्थ स्थान को कभी छक नानकी भी कहा जाता था ! हिमालय की श्रंखलाओं के सुन्दर नज़ारे इस गुरुओं की पावन भूमि को और अधिक दर्शनीय तथा रमणीय बना देती हैं ! आनंदपुर साहिब जी के उत्तरी भाग से हिन्दुओं के पावन धार्मिक स्थल माँ नैना देवी जी के मंदिर के भी दर्शन किये जा सकते हैं !

    ममतामयी श्री राधे माँ जी ने १ नवम्बर को सिक्खों के पूजनीय पवित्र तीर्थ स्थल श्री आनंदपुर साहिब जी के दर्शन किये, साथियों आपके ज्ञानवर्धन हेतु सूचित कर दें की कृपालु श्री राधे माँ जी को गुरबानी का पाठ ,शब्द कीर्तन आदि अति प्रिय हैं ,इसलिए देवी माँ जी का अधिकतम समय गुरबाणी सुनने में भी व्यतीत होता है! 
    अति आकर्षक और मनमोहक ढंग से करुणामयी श्री राधे माँ जी के स्वागत की तय्यरियाँ की गयीं थीं, बड़े ही सहज , निर्मल और विनम्र भाव से श्री राधे माँ जी ने इस पावन धर्मस्थल के दर्शन किये और अपने संग आई सांगत का भी कल्याण किया ! देवी माँ जी धर्म,सम्प्रदाए ,जात पात के भेद भाव को महत्त्व ना दे कर सर्व धर्म समान एवं सर्व धर्म सम्मान में विश्वास रखती हैं, आपको याद होगा की पिछले वर्ष जब देवी माँ जी राजस्थान के दौरे पर थीं तब उन्होंने खाटू श्याम जी ,पुष्कर जी ,सालासर हनुमान जी संग अजमेर शरीफ की पाक दरगाह के दर्शन कर एक उदाहरण साबित किया था !

    इसके पश्चात तकरीबन ४ बजे ममतामयी श्री राधे माँ जी ने  हिमाचल स्थित माँ नैना देवी जी के दर्शन के लिए प्रस्थान  किया ! नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश  के बिलासपुर जिले में है। यह शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियो पर स्थित एक भव्य मंदिर है! नैना देवी मंदिर शक्ति पीठ मंदिरों मे से एक है। पूरे भारतवर्ष मे कुल 51 शक्तिपीठ है। जिन सभी की उत्पत्ति कथा एक ही है। यह सभी मंदिर शिव और शक्ति से जुड़े हुऐ है। धार्मिक ग्रंधो के अनुसार इन सभी स्थलो पर देवी के अंग गिरे थे। शिव जी  के ससुर राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया जिसमे उन्होंने शिव और सती को आमंत्रित नही किया क्योंकि वह शिव जी  को अपने बराबर का नही समझते थे। यह बात सती को काफी बुरी लगी और वह बिना बुलाए यज्ञ में पहुंच गयी। यज्ञ स्‍थल पर शिव जी का काफी अपमान किया गया जिसे सती सहन न कर सकी और वह हवन कुण्ड में कुद गयीं। जब भगवान शंकर को यह बात पता चली तो वह आये और सती के शरीर को हवन कुण्ड से निकाल कर तांडव करने लगे। जिस कारण सारे ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया। पूरे ब्रह्माण्ड को इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागो में बांट दिया जो अंग जहां पर गिरा वह शक्ति पीठ बन गया। मान्यता है कि नैना देवी मे माता सती नयन गिरे थे।

    यहाँ पर भी देवी माँ जी के भक्तों ने पहले से ही उनके भव्य स्वागत की सुन्दर व्यवस्था की हुई थी,ढोल,नगाड़े, माँ के जैकारों और जयघोष से कृपालु श्री राधे माँ जी के दिव्य तेज और आभा मानो और प्रभावी हो गयी तथा उनके दुर्लभ दर्शनों से सांगत भी निहाल हो गयी |
     ६ नवम्बर २०११ को जालंधर (पंजाब) में करुनामई श्री राधे माँ जी के पावन सानिध्य में एक विशाल 'शोभा यात्रा' का आयोजन किया गया , जिसमे पंजाब की कई गणमान्य हस्तियों ,अनेक प्रतिष्ठित परिवार और विश्व भर से आये श्री राधे माँ जी के भक्तों ने बढचढ के भाग लिया और संग ममतामयी श्री राधे माँ जी के दिव्य,आनंदमयी एवं सुखकारी  दर्शन लेकर खुद को अक्षय पुन्य का भागी बनाया !

    ममतामयी श्री राधे माँ जी सदा अपने भक्तों पर कृपामृत की वर्षा करती रहें ,ऐसी शुभकामना करते हैं! 

    || जय माता दी ||
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    Sunday, October 30, 2011

    Shri Radhe Maa ji ki Leelaye - Kaajal Anand






    जय माता दी ,

                         सर्वप्रथम ममतामयी श्री राधे माँ जी के पावन चर्नार्विन्दों में मेरा और मेरे समस्त परिवार का कोटि कोटि वंदन, साथियों हमने शास्त्रों में पढ़ा है की किस तरह सगर वंश को श्राप्मुक्त करने हेतु राजा भागीरथ जी ने घोर तपस्या की और माँ गंगा जी को धरती पर अवतरित होने पर विवश कर दिया ,वैसे ही मीरा बाई,नरसिंह मेहता ,भक्त प्रहलाद आदि कई उदाहरण हैं जहाँ सच्चे भाव से की गयी भक्ति प्रभु ने साक्षात रूप में अवतरित हो स्वीकार की है ! श्रद्धा , धैर्य  और विश्वास भक्ति के प्रमुख गहने माने गए हैं !


    मेरे पास आज जो कुछ भी है वो सिर्फ देवी माँ जी की असीम अपार कृपा से ही है ,करुणामयी श्री राधे माँ जी की शरण में आने के बाद जैसे हमारी ज़िन्दगी की सूखी बंजर ज़मीन को कृपा के पावन अमृत की वर्षा मिली और हमारे दुःख संताप धीरे धीरे ख़त्म होने लगे ,हमे ज्ञान हो गया कि सदगुरु की शरण कितनी पवित्र , निर्मल और ममता से परिपूर्ण होती है ,और अंतर्यामी सदगुरु यदि कृपालु श्री राधे माँ जी हों तो समझिये सोने पे सुहागा!
    मेरा नाम काजल आनंद है ,मैं मुंबई में अपने परिवार के साथ रहती हूँ , हमारा कॉस्मेटिक्स का बिजनेस है.कुछ वक़्त पहले ऐसा हुआ कि बिजनेस ठीक से न चल पाने कि वजह से हमारे ऊपर बहुत भारी क़र्ज़ हो गया ,हमारे सुर्युदय और सूर्यास्त मानो चिंताओं से घिर गए ,हमारी गाडी क़ी किश्त ना जा पाने कि वजह से बैंक वालों ने गाडी जाप्त करने का नोटिस दे दिया था ,ऐसी गहरी चिंताजनक अवस्था में हमने अपना बोरीवली स्थित घर तक बेचने का निर्णय कर लिया,फिर भी मन में उस घर के प्रति प्रेम जैसे हमे रोक सा रहा था,परन्तु इतना विश्वास ज़रूर रहा कि मेरी राधे माँ जी हमे इस कष्ट ,विपदा और  दुःख से ज़रूर बाहर निकालेंगी अतः हमने उनकी भक्ति और ज्ञान का मार्ग कभी नहीं छोड़ा ,यही बात मन में रही कि परीक्षा कि घडी है बीत जाएगी,एक शुभ दिन जैसे हमारी भक्ति परवान चढ़ी हो,मुझे सुबह सुबह ममतामयी श्री राधे माँ जी कि परम सेविका आदरणीय छोटी माँ जी का फोन आया कि देवी माँ जी ने ध्यान में आपकी तकलीफ देख ली है और आपकी श्रद्धा भक्ति से ममतामयी श्री राधे माँ जी ने अति प्रसन्न होकर ये आदेश दिया है के निश्चिन्त हो कर आप अपना घर बेचने कि तय्यारी करें ,जैसे ही छोटी माँ जी ने ये वचन कहे मैं स्तब्ध सी रह गयी कि आखिर देवी माँ जी ने हमारे मन कि बात जान कैसे ली ,अपनी नादानी कि क्षमा मांगते हुए  माँ का कोटि कोटि धन्यवाद किया,नेत्रहीन क्या मांगे दो आँखें, बस क्या था देवी माँ जी कि आज्ञानुसार हम अपना घर बेचने में जुट गए ,,कुछ ही दिनों में हमारे घर को खरीदने के लिए हमे ऐसा ऑफर आया जो कि बहुत मुश्किल था और हम अपना घर बेच कर दूसरी जगह में शिफ्ट हो गए, जो एक वक़्त में हमपर भारी कर्जा था अब बस गिनती का ही रह गया है ,ममतामयी श्री राधे माँ जी कि असीम कृपा ने अब हमारे सुर्युदय और सूर्यास्त दोनों ही इतने उज्वल और सुखमयी कर दिए हैं कि से अब हम कृपालु श्री राधे माँ जी का धन्यवाद कर सुकून की नींद सो सकते हैं!

    जितने भी लोग इन चमत्कारों को पढ़ के श्री राधे माँ जी के अनुपम ज्ञान का रसपान कर रहे हैं ,मैं अपने अनुभव से आप सब को विनम्रता पूर्वक ये बता दूं के यदि आप भी ममतामयी श्री राधे माँ जी की इस अप्रतिम अद्भुत और अद्वितीय कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो उसका एक मात्र उपाए हैं देवी माँ जी की सच्ची निस्वार्थ भक्ति,यदि आपकी भक्ति में शक्ति है तभी आप करुणामयी मेरी देवी माँ जी कृपा के सच्चे हक़दार बन सकते हैं,क्यूंकि शास्त्र भी कहते हैं के प्रभु भक्तों के आधीन ही रहते हैं!
    यदि आप भी अपने साथ हुए चमत्कार दुसरे भक्तों को बताने के इच्छुक हों तो कृपया अपनी कथाएं या उनका वर्णन  sanjeev@globaladvertisers.in पर भेज दीजिये हम पूर्ण प्रयत्न करेंगे की जल्द से जल्द आपके अनुभव प्रकाशित हों ,और अगर आप करुणामयी श्री राधे माँ जी के बारे में और कुछ जानकारी या ज्ञान लेना चाहें तो आप टल्ली बाबा जी से +919820969020 पर संपर्क कर सकते हैं |               
          
    करुणामयी श्री राधे माँ जी हमारे परिवार तथा अपने सभी भक्तो पर ऐसे ही कृपा क़ी वर्षा करती रहें ,ऐसी शुभकामना करती हूँ !

    जय माता दी

    Sunday, October 23, 2011

    Happy Danteras








    May this Dhanteras Light up new dreams, fresh hopes, undiscovered avenues, and different perspectives, everything bright & beautiful and fill your days with pleasant surprises and moments. Happy Dhanteras to all the Devotees of ‘Devi Maaji’

    Wednesday, October 12, 2011

    'Shri Radhe Maa' - Jagran details 4th October, 2011


     

    'Shri Radhe Maa'


    हिन्दू पंचांग के आश्विन माह की नवरात्रि शारदीय नवरात्रि कहलाती है,शक्ति की उपासना का पर्व शारदेय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। आश्विन मास में मौसम में अधिक ठंड रहती है अधिक गर्मी। प्रकृति का यह रूप सभी के मन को उत्साहित कर देता है जिससे नवरात्रि का समय शक्ति साधकों के लिए अनुकूल हो जाता है। तब नियमपूर्वक साधना अनुष्ठान करते हैं, व्रत-उपवास, हवन और नियम-संयम से उनकी शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक शक्ति जागती है, जो उनको ऊर्जावान बनाती है।
     
    ऐसे ही लुधिअना (पंजाब) में इस शारदेय नवरात्र की अष्टमी में माता के भव्य,दिव्य और विराट जागरण का आयोजन जैसे सोने पे सुहागा हो गया और उसपर अति सुन्दर प्रसंग यह की ममतामयी,करुणामयी,परम वन्दनीय,प्रातः स्मरणीय 'श्री राधे माँ' जी के दिव्य ,अनुपम,अद्भुत और दुर्लभ दर्शन का लाभ उनके भक्तो को प्राप्त हुआ| 



    ४ ऑक्टोबर  २०११ को लुधिअना स्थित Impressions  फार्म हाउस मानो जैसे दिव्यलोक में परिवर्तित हो गया था,इस फार्म हाउस के विशाल प्रांगन में सुन्दर सुस्सज्जित मीनारों से सजावट की हुई थी,सुनियोजित ढंग से भक्तो के स्वागत और उनके बैठने की व्यवस्था की गयी,सारे वातावरण में एक दिव्य आभा,एक दिव्य गंध का आभास किया जा सकता था, और एक विशाल मंच पर शिव जी,हनुमान जी,गणेश जी,भैरव बाबा सहित मध्य में अष्टभुजाधारी  माँ भगवती की सुन्दर सौम्य मूर्ति विराजमान थी, ठीक ८ बजे सिंघल परिवार के प्रमुख सदस्यों ने माँ की पावन ज्योत जो की विशेषतः हिमांचल में स्थित माँ चिंतपूर्णी जी के पावन मंदिर लायी गयी थी को प्रज्वलित कर माँ के पवित्र जागरण का शुभारम्भ किया, जिसके पश्चात् जालंधर से पधारे श्री विजय रजा जी ने अपनी मण्डली के साथ पुरे विधि विधान सहित माँ के आवाहन संग गणेश वंदना की,तत्पश्चात मुंबई से पधारे माँ के सेवादार श्री संजीव कोहली और पंजाब के श्री मिक्की सिंह जी ने आई हुई सांगत और सारे वातावरण को भक्ति के रस से सरभोर कर दिया|  

    इसके बाद विश्व विख्यात,शाने पंजाब,भजन सम्राट श्री सरदूल सिकंदर जी ने माँ की स्तुति संग माँ का गुणगान आरम्भ किया,अपनी सुप्रसिद्ध माता की भेंटो से सरदूल जी ने माँ के श्रींगार,माँ के उपकार और माँ की असीम अपार कृपा का वर्णन किया,कुछ ही देर में सरदूल जी की मधुर वाणी ने ममतामयी,करुणामयी श्री राधे माँ जी को अपने दर्शनों के निर्धारित समय से पहले ही उस दिव्य प्रांगन में खींच लिया और ढोल नगाड़े,तुतारी,जय जैकारो के मध्य देवी माँ जी कमल स्वरूपी आसन पर भक्तो को कृतार्थ करने पधारीं ,उस जग से न्यारे,सुन्दर,मनमोहक आसन की झांकी देखते ही बनती थी,लगता था मानो कमलासन पर विराजमान होकर कोई महादेवी साक्षात देवलोक से पृथ्वीलोक पर पधारीं हैं,धीरे धीरे माँ की सवारी उस विशाल मंच की ओर बढ़ी और दरबार पहुच कर सबसे पहले 'श्री राधे माँ' जी ने माँ की ज्योत के पावन दर्शन कर सभी देवताओं की मूर्तियों को नमन कर अपना आसन ग्रहण किया और अपनी अमृत सामान कृपा रुपी ,करुणामयी दृष्टि से आई सांगत को निहार कर उनका कल्याण किया ,देश विदेश से पधारे माँ के अनन्य भक्त माँ की इस दिव्य दुर्लब और अप्रतिम झांकी के दर्शन कर अक्षय्पुन्य के भागी बने! करीब डेढ़ घंटे तक ममतामयी श्री राधेमा जी ने अपनी कृपामृत की बौछार से खुल्ले दर्शन दे अपने भक्तो को निहाल किया और फिर अपनी गुफा के लिया प्रस्थान किया, इसके पश्चात श्री सरदूल सिकंदर जी ने भेंटो की सेवा जारी रखी और करीब प्रातः २|३० बजे श्री विजय रजा जी एवम उनकी मण्डली ने तारा रानी की कथा का पाठ किया और आरती कर  प्रसाद बाँट कर इस अश्विन मॉस की शारदेय नवरात्र की अष्टमी में माता के भव्य,दिव्य और विराट जागरण के पवित्र आयोजन को विराम दिया |

    इस दिव्य जागरण को विश्व भर में माँ भक्तों ने  globaladvertisers.in  पर सीधे प्रसारण के माध्यम से भी देख कर आनंद प्राप्त किया |

     जय माता दी |

    Thursday, September 22, 2011

    'Shri Radhe Maa' ki Leelaye - Antara Jassu



    परम श्रधेय श्री राधे शक्ति माँ को हाज़िर नाजिर मान कर कहता हूँ की जो कहूँगा सच कहूँगा, सच के सिवा कुछ न कहूँगा / - सरल कवी |



    नाम अंतरा जस्सू

    उम्र इक्कीस वर्ष

    निवासी चारकोप | 


     जून २०११ को उसने जोगेश्वरी वेस्ट स्थित एच. के. खान कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स में बी. फार्मा. का अंतिम पेपर दिया | अपने कॉलेज में अच्छे पढने वाले बच्चों में उसका नाम बेस्ट ऑफ़ टेन में गिना जाता था |

    अंतरा जस्सू  ने बी. फार्मा. कम्प्लीट करने के लिये रात दिन डट कर मेहनत की थी | बी फार्मा के बाद उसने  एम. फार्मा करने के लिये US जाने की दो साल पहेले ही ठान ली थी | अपनी पढाई के साथ उसने अमेरिकन युनिवर्सिटी में दाखले हेतु दो साल पहले से तैयारी शुरू दी थी | इस बाबत वह इन्टरनेट पर और कई  कंनसलटन्सी में जानकारी हासिल करती रही | 



    अमेरिका में पढाई के लिये कुछ Exams पास करने थे, जिनमे जी आर ई और टॉप टेन जैसे कुछ अत्यंत कठिन exam भी देने होते है | अंतरा जस्सू को चूंकि अपने भविष्य के सपने को साकार करना था, सो उसने अपने मरसक प्रयास जारी रखे और  जी आर ई मे अछे  अंको की प्राप्ति हुई |  टॉप टेन भी बढ़िया रहा | जैसे ही उसने बी - फार्मा से फुरसत पाई, वह अन्य प्रयास मे जुट गई | उसने अमेरिका स्थित अलग - अलग युनिवर्सिटी के प्रवेश फार्म भरने शुरू किये | एक एक कॉलेज का फार्म भरने के लिये हजारो रुपयों की जरुरत होती थी | इसके लिये उसने बोरीवली स्थित एक  कंनसलटन्सी की मदद ली जिसके लिये उसे अच्छी खासी रक्कम अदा करनी पड़ी | अलग अलग फार्म भरने, उन्हें अपने डाक्युमेंटस कुरिएर से भेजने तथा उनके बार यहां वहां से डाक्युमेंटस इकटे करने उन्हें xerox करवाने आदि के लिये भी भरपूर रक्कम खर्च करनी पड़ी | 




    जून और आधे जुलाई महीने की भरपूर मेहनत के बाद अब अंतरा जस्सू इस इंतजार मे बैचेन थी कि उसे अमेरिका के किस एरिया की किस  युनिवर्सिटी मे से सेक्सन लैटर आयेगा | रात दिन  की इन्टरनेट चेकिंग और भारी इंतजार के बाद आखिर उसे एक, न्यूयार्क की लोंग - आयलेंड युनिवेर्सिटी से सेक्सन लैटर आ ही गया |
    अंतरा जस्सू  के मुरझाये चहेरे पर एकाएक  चमक दिखाई देने लगी | लोंग आईलैंड 
    युनिवर्सिटी
    न्यूयार्क  की एक हाई - फाई और बहुत विशाल प्राचीन  युनिवर्सिटी हैं | उसकी औपचारिकता पूरी करने मे पंद्रह दिन और ढेर सारे अमेरिकन डालर खर्च हुए | लेकिन खैर | अंतरा जस्सू का एडमिशन लैटर मे लिखी दो साल के तमाम खर्चों को देखकर अंतरा  जस्सू के परिवार मे चिंता के बदल छा गये | 


    हकीकत मे अंतरा जस्सू के अभिभावक एक साधारण इनकम से अपना परिवार चला रहे थे | घर मे चर्चा  शुरू हुई की रकम का क्या होगा | फिर एजुकेशन लोन के लिये प्रयास चालू हो गया | एक बैंक से दुसरे बैंक मे भागते - दौड़ते थकना शुरू हो गई लेकिन, एजुकेशन लोन देने वाले बैंक मे बैठे अधिकारी लोगो की खाम खा की खज्जल खारी से अंतरा जस्सू का परिवार परेशान और हताश होने लगा | उधर एक सितम्बर मे कॉलेज शुरू हो रहे थे और इधर बैंक वाले कभी कल आओ तो कभी परसों आओ की गोली देकर समय बर्बाद कर रहे थे | यह जुलाई का अंतिम सप्ताह था | सिर्फ एक महीने का समय बाकी था | और अभी तक लोन का कुछ नहीं बना था जबकि एक बहुत बड़ी समस्या का सामना होना तो अभी बाकी था |

    --
    अमेरिकन  एम्बेसी से वीजा लेना कोई आसन काम नहीं था | उसके लिये ढेर सारे कागजात चाहिये  थे |

    माह जुलाई की अंतिम तारीख | अंतरा जस्सू परेशान हालत में अपने परिवार के साथ 'श्री राधे मा भवन' में शनिवार की रात 'श्री राधे शक्ति मा' की शरण में पहूँच गई | 'राधे मा' की गुफा में अंतरा जस्सू ने देवी माँ की तरफ झांका तो उसकी आखों में आसू जैसे अभी टपक जाने वाले थे | 'श्री राधे शक्तिमाँ' ने भरपूर दया की दृष्टी उस पर डाली | अपने दाहिने हाथ में पकड़ा त्रिशूल उन्होंने हौले से अंतरा जस्सू के सिर से छु दिया | ऐसे लगा जैसे अंतरा जस्सू के दिन फिर गये |



    उसके बाद एकाएक  घटनाक्रम तेजी से घुमने लगा | अगले दिन रविवार की सुबह लौट आईलैंड यूनिवर्सिटी से एक बड़ा सा कुरिएर लिफाफा आयाइस लिफाफे में आई - ट्वेंटी था | यानी की वीजा लगने के लिये जरुरी पत्र | श्याम
    को एक बैंक के अधिकारी का फोन आया जिसने सोमवार को बैंक में बुलाया था | अपने तमाम कागजात और आय- ट्वेंटी लेकर अंतरा जस्सू सोमवार यानी अगस्त की पहली सप्ताह में बैंक अधिकारी से मिली
    बुधवार को अंतरा जस्सू को बैंक से एक पत्र मिला जिसमे उसे बताया गया कि उसका बैंक लोन स्वीकृत किया जा चूका है | बुधवार को ही उसने एच. डी. सी बैंक से वीजा एम्प्लाई क़ी फ़ीस भरी | गुरवार को उसने ऑनलाइन वीजा फार्म  भरकर 'इन्टरव्हिऊ डेट' ली | अगली शुक्रवार को अंतरा जस्सू अमेरिकन  एम्बेसी में वीजा इन्टरव्हिऊ के लिये उपस्थित थी



    अंतरा जस्सू 'इन्टरव्हिऊ के समय इतनी नर्वस थी क़ि उसके हाथ बुरी तरह काप रहे थे और वह अपनी फाइल भी बड़ी मुशकिल से संभला पा रही थी | उसके मन में उनके सवाल उमर-मिट रहे थे | लेकिन अंतरा जस्सू को जैसे एका एक आभास हुआ क़ि उसके सिर को श्री राधे शक्ति माँ' वह त्रिशूल अभी भी छु रहा है | देवी माँ क़ी कृपा | अंतरा जस्सू को वीजा मिलने में तीन मिनिट का वक्त भी नहीं लगा | एम्बैसी से बहार आते लगा जैसे अंतरा जस्सू हवा में उड़ रही थी


    दुसरे दिन बैंक अधिकारी ने सूचित किया कि वह तीन दिन बाद कभी भी लोन का चेक ले सकती है


    आप सभी माता के भक्तो को अंतरा जस्सू क़ी यह कहनी इसलिये सुना रहा हु क्योंकि में उसके परिवार का एक सदस्य हूँ | 'श्री राधे शक्ति माँ' क़ी कृपा से सिर्फ पंद्रह दिन में कितनेसिर्फ पंद्रह दिन में युनिवर्सिटी से आई - ट्वेंटी  का लैटर आना, दस दस दिन में लोन पास होकर मिल जाना बारह दिन वीजा लगजाना  और अगले पंद्रह दिन शनिवार क़ी चौकी में जब अंतरा जस्सू देवी माँ के चरणों में गई तो यह बताने के लिये कि वह 19 अगस्त क़ी रात क़ी फलाईट पकड़ कर न्यूयार्क जा रही है | आपके आशीर्वाद से


    भक्तोजनो | अंतरा जस्सू 21 अगस्त को न्यूयार्क पहुँच गई अपनी एम्. फार्मा क़ी पढाई कम्प्लीट करने के लिये


    अंतरा जस्सू का सन्देश :  जैसे श्री राधे शक्ति माँ  ने सिर्फ पंद्रह दिन में मेरे तमाम कार्य सिद्ध किये आप सभी के भी सभी सपने साकार हो | शर्त लेकिन यह है क़ि आपका विश्वास अटूट हो, आपकी आस्था प्रबल हो और आपकी भावना शुद्ध हो | जय श्री राधे शक्ति माँ |


    (निरंतर)

    Note - 
    Dear all, thanks for your overwhelming response, we will be sharing your experience with all the devotees of 'Shri Radhe Maa' very soon. 

    If you also wish to share your experience with all the devotees of 'Devi Maa' you can email us on sanjeev@globaladvertisers.in, we will get it published.

    प्रिय 'देवी माँ' के भक्तो 'माँ की लीलाए' हम निरंतर शृंखलाबंध प्रस्तारित कर रहे हैं | इसमें हमने 'देवी माँ' के सानिध्य में आने वाले भक्तों के अनुभव को कलमबदध किया हैं | 'माँ की लीलाये' आप को कैसी लगी रही हैं इस बारे मैं आप अपनी राय, अपनी समीक्षा, अपना सुझाव हमें निम्न इ-मेल पर भेज सकते हैं |


    आप अगर अपने अनुभव,  'देवी माँ' के अपने साथ हुए चमत्कार को सबके साथ बाटना चाहते हैं,  तो हम आपके नाम और पते के साथ इसे पेश करेंगे | आप चाहेंगे तो नाम पता जाहिर नहीं करेंगे आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में -
    Sanjeev Gupta
    Email - sanjeev@globaladvertisers.in